राष्ट्रीय अध्यक्ष
पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री मुक्तेश्वर जी अपने व्यक्तित्व में बहुआयामी विशेषताएं रखते हैं। उन्होंने शिक्षा और सामाजिक उत्थान के क्षेत्र में एक प्रशंसनीय ट्रैक रिकॉर्ड स्थापित किया है। वह एक दूरदर्शी विचारक और असाधारण शिक्षाविद् हैं। उन्होंने कई किताबें, लेख और मोनोग्राफ लिखे तथा पत्र-पत्रिकाओं का संपादन भी किया। उन्होंने सार्वजनिक जीवन में नैतिक, और आध्यात्मिक मूल्यों सहित कई शैक्षिक और सामाजिक उत्थान कार्यक्रमों का आयोजन और नेतृत्व किया। इन क्षेत्रों में विभिन्न उल्लेखनीय अभियान, ड्राइव और प्रकाशन उनके योगदान हैं।
उन्होंने अपना करियर शैक्षिक सलाहकार के रूप में शुरू किया, और बाद में खुद को पत्रकारिता और सामाजिक-राजनीतिक गतिविधियों में भी शामिल किया। हालांकि उनका सामाजिक झुकाव उनके प्रारंभिक छात्र जीवन के दौरान ही शुरू हो गया था। उन्हे जन्मजात राजनीतिज्ञ की श्रेणी में नहीं रखा जा सकता, फिर भी वह जन्मजात नेता और नवोन्मेषी सामाजिक कार्यकर्ता है, जो सबके प्रति सहानुभूति रखता है, मानवता में विश्वास रखता है और इंसानियत के प्रति समर्पित है।
विगत चार दशकों में उन्होंने शिक्षा के संवर्धन, नैतिक मूल्यों और सामाजिक कल्याण के लिए कई संस्थाओं और संगठनों की स्थापना की, इनमें से निम्नलिखित विशेष महत्व रखते हैं।
आप ही बदलाव ला सकते हैं....
उद्देश्य :
- भारतीय राजनीति में शुचिता की स्थापना करना तथा राजनीतिक वातावरण को नैतिक मूल्यों का आधार प्रदान करना।
- देश के समस्त नागरिकों का अधिकतम कल्याण एवं विकास तथा उन्हें गरिमामय वातावरण में जीने का अवसर मुहैय्या कराना।
- लोकतान्त्रिक विकेन्द्रीकरण को वास्तविक एवं व्यवहारिक रुप में स्थापित करना तथा सामाजिक न्याय उपलब्ध कराते हुए धन और सम्पति की असमानता को न्यूनतम स्तर पर लाना।
- भारतीय संस्कृति की मूलभूत विशेषताओं तथा मानवीय मूल्यों एवं पर्यावरण का रक्षण ।
- देश को खुशहाली एवं समृद्धि के उच्चतम स्तर तक पहुचाना ।
- देश के लोगों में आधुनिक, वैज्ञानिक, प्रगतिशील मानवीय मूल्यों एवं भावनाओं का संचार करना |
- भारतीय संविधान में पूर्ण आस्था रखते हुए भारत के समस्त नागरिकों में एकता, सहयोग एवं भातृत्व की भावना का विकास करना जो संम्प्रदायवाद, जातिवाद, क्षेत्रवाद तथा लिंग आधारित सभी प्रकार के भेदभावों से परे हो।
सिद्धान्त :
1 . मानव मात्र के प्रति प्रेम, सदभाव व सम्मान की भावना एवं सभी के कल्याण एवं खुशहाली की कामना।
2 . घृणा तथा दण्ड के स्थान पर प्रेम एवं सुधार की भावना की स्थापना ।
3 . मानव के किसी भी प्रकार के शोषण एवं अपमान का परित्याग ।
4 . निचले पायदान पर स्थ्ति लोगों के प्रति समानुभूति की भावना ।
5 . सहयोग के साथ सशक्तीकरण पर बल।
दर्शन :
मानवीय भारत पार्टी की मूल सोच में मानव प्रेम, मानव-मानव के बीच सदभाव, मानव कल्याण, परिवर्तशील एवं प्रगतिशील समाज की अवधारण तथा राष्ट्रवाद की भावना निहित है। पार्टी सनातन धर्म के विश्व बन्धुत्व, ईशोपनिषद के कण-कण में ईश्वरीय सत्ता की उपस्थिति, गीता के निष्काम कर्म, बौद्ध धर्म के नैतिक सिद्धान्तों, इसाई धर्म के सेवाभाव तथा इस्लाम के तौहीद और सिक्ख संप्रदाय के सदभाव संबंधी गुरुनानक के विचारों में गहरी आस्था रखती है।
चाणक्य – चन्द्रगुप्त, अकबर तथा नेहरु-पटेल की एकीकृत राष्ट्रीय राज्य की संकल्पना, सम्राट अशोक के धम्म की अवधारणा, गांधी के सत्य , अहिंसा तथा सर्वोदय के विचार, राजा राममोहन राय के प्रगतिशील क्रांतिकारी विचारों एवं क्रियाकलापों, महाराणा प्रताप, भगत सिंह तथा चंद्रशेखर आजाद के त्याग एवं बलिदान, रबीन्द्र नाथ टैगोर के मानववाद, एपीजे अब्दुल कलाम की इंसानियत एवं जवाहरलाल नेहरु के आधुनिक भारत के स्वप्न तथा लोकतांत्रिक समाजवाद से गहरे रुप में पार्टी आबद्ध है।
पार्टी भारतीय संस्कृति को उत्कृष्टता प्रदान करने एवं भारतीय पुनर्जागरण तथा भारतीय राष्ट्रीय आंदोलन में भाग लेने वाले तमाम सुधारकों एवं स्वतंत्रता सेनानियों के प्रति पार्टी कृतज्ञ है।
समाज के अंतिम व्यक्ति का उदय एवं उत्थान तो पार्टी का मूल मंतव्य है ही, साथ-साथ देश के सभी नागरिकों की खुशहाली तथा अन्य देशों से भारत का सौहार्दपूर्ण सम्बन्ध इसका स्वप्न है।